थारा छोरा
आर्यन चैप्टर 33
थारा छोरा
अब तक आपने पढ़ा श्लोक जी बताते हैं की धर्मवीर जी ने अपना वारसी चुन लिया था वहीं रणविजय जीनी से कहता है की वो रियासत उसके नाम कर दे जिसपर जीनी कहती है की वो उसके नाम नही है और होती भी तो वो उसके नाम नही करती और अपने और आर्यन के बारे में सोचने लगती है........
अब आगे
श्लोक जी की बात सुन सबको एक शॉक सा लगता है, कर्मवीर जी उन्हें शक भरी नज़र से देखते हुए कहते हैं "तुम ये क्या कह रहे हो, बापू सा ने वारिस चुन लिया था, ये मुझे कैसे नहीं मालूम"
श्लोक जी अपना सर झुका लेते हैं, और फिर कहते हैं "तुम्हे कैसे पता होता, उन्होंने मुझसे वचन लिया था की मैं किसी को कुछ ना बोलूं" आर्यन फिर कहता है "कैसा वचन डैड"
श्लोक जी एक नज़र आर्यन को देखते हैं फिर कहना शुरू करते हैं "याद है वो दिन , जब आर्यन ने पहली बार जीनी को अपना कहा था, ये बात धर्मवीर जी ने भी सुनी थी! उन्होंने उस दिन के बाद से आर्यन और जीनी पर अपनी नजरें जमा ली थी, एक 3 साल के बच्चे को चौबीस घंटे एक लड़की के आगे पीछे घूमते उसके लिए कुछ भी कर गुजरने की चाहत ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया, जीनी जब एक साल की हुई और चलना सीखने लगी तो उनका इरादा पक्का हो गया, एक दिन उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया और कुछ बात करनी है कहकर अपने कमरे में ले गए"
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फ्लैश बैक
धर्मवीर जी कमरे में आते हैं और उन्ही के पीछे श्लोक जी भी आ जाते हैं, धर्मवीर जी खिड़की के पास खड़े होते हुए कहते हैं ,"देख श्लोक मन्ने घुमा फिरा के बात करना कोनी आवे आज मैं थारे से कुछ मांगना चाहूं , जे थारे को कोई समस्या कोनी हो"
श्लोक जी शांति से कहते हैं "मैं आपको बापुसा सिर्फ कहता ही नहीं हूं मानता भी हूं, आप हुकुम करिए"
धर्मवीर जी एक गहरी सांस छोड़ते हैं फिर कहते हैं "म्हारे को थारा छोरा चाहिए , या रियासत के वास्ते" श्लोक जी असमंजस में कहते हैं "आप कहना क्या चाहते हैं बापुसा मुझे समझ नहीं आ रहा"
धर्मवीर जी फिर वैसे ही कहते हैं "मैं थारे छोरे आरव को या गद्दी पर बिठाना चाहूं हूं जिसपे अब तक म्हारा राज था" श्लोक जी उनकी बात सुन चौंक जाते हैं फिर कहते हैं "इस पर आपके बेटे और उसके बाद उनके बेटे का अधिकार है, इन सबमें आरव कहां से बीच में आ गया"
धर्मवीर जी उनकी तरफ मुड़ते हैं और उनकी आंखों में देखते हुए, कहते हैं "म्हारे बड़े बेटे ने तो तू जाने है छोरा, रही बात छोटे बेटे की तो वो भोला से अपने बड़े भाई के रहते म्हारी बात कोनी मानेगा,और रही बात रणविजय की तो वा भी अपने बाप जैसा ही होवेगा, लेकिन थारा छोरा उसमें मैने वो सारे गुण देखें से जो इस गद्दी के वास्ते जरूरी से"
श्लोक जी कहते हैं "लेकिन वो सिर्फ 4 साल का है और आपको लगता है की.." धर्मवीर जी उनकी बात काटते हुए कहते हैं "मन्ने थारे से ज़्यादा दुनिया देखी से छोरा , और थारे छोरे की दीवानगी, उसका जुनून ही से जिसकी जरूरत मित्तल खानदान को से, मैं थारे से जिनी का भविष्य और इस रियासत की जिम्मेदारी के वास्ते थारे छोरे को मांगता हूं"
उनकी बात सुन श्लोक जी थोड़ा घबराते हुए कहते हैं "और अगर रणधीर या उनके पिता ने मेरे बेटे को मारने की कोशिश की तो"
धर्मवीर कुछ सोच कर मुस्कुराते हैं फिर कहते हैं "तुझे क्यों लागे है छोरा की थारे को उसकी रखवाली करने की जरूरत से, वो आशिक से उसने किसी की जरूरत ना से, वा छोरा अकेले पूरी फौज पर भारी पड़ सके है, बस कुछ बरस की बात से फिर वो तैयार हो जवेगा"
धर्मवीर जी हाथ जोड़ते हुए कहते हैं "मैने थारे से कभी कुछ नहीं मांगा छोरे लेकिन बस मेरी या बात मान ले"
श्लोक जी हां कह देते हैं और जाने लगते हैं तभी धर्मवीर जी उनकी तरफ फाइल बढ़ाते हुए कहते हैं "यो वसीयत से म्हारी जो मैंने आरव के नाम कर दी से"
फिर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहते हैं "वचन दे म्हारे को,ये बात राज ही रेवेगा, नहीं तो इसके दुश्मन उस मासूम से बच्चे की जान के दुश्मन बन जायेंगे"
श्लोक जी उस फाइल को देखते हुए कहते हैं, "आप ये सब क्यों कर रहे हैं एक रियासत की ही तो बात है, किसी की भी ह".
तभी धर्मवीर जी थोड़ी तेज आवाज़ में कहते हैं "ना छोरा .... ना वो सिर्फ के रियासत की बात ना से, यो बात से लाखों लोगों के रोजगार उनके जीवन की जो इस राजघराने से जुड़ी है, जब म्हारे को यो सब मिला था तो इस भरोसे से की मैं यहां की जनता को कभी भी अलग ना समझूं ये सिर्फ प्रॉपर्टी ना से यो जिम्मेदारी से"
श्लोक जी उन्हें एक नज़र देखते हैं फिर फाइल ले लेते हैं और जाते हुए कहते हैं "आपने बहुत किया है मेरे लिए,आज से आरव आपका हुआ"
फिर वो वहां से चले जाते हैं
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प्रेजेंट
सब उनकी बात सुन सन्न रह जाते हैं, कोई कुछ नहीं कह रहा था लेकिन आर्यन क्या सोच रहा था कह पाना मुश्किल था
कर्मवीर जी थोड़ी नाराजगी से कहते हैं "फिर वो जो आर्यन के खिलाफ हो रहे थे बापुसा वो" श्लोक जी नजरें झुकाते हुए कहते हैं "वो बस आर्यन की परीक्षा ले रहे थे की वो जीनी के लिए किस हद तक जा सकता है"
रंजना जी अपनी नम आंखों से देखते हुए कहती हैं "आपने मेरा बेटा किसी और के नाम कर दिया वो भी बिना मुझसे पूछे"
श्लोक जी एक मुस्कान के साथ कहते हैं "वो हमारा कभी था ही नहीं रंजना , वो दुनिया में आया ही जीनी के लिए था, हमने तो बस उसे जन्म दिया है"
कौशल्या जी आर्यन के पास जाती हैं और उसके सामने हाथ जोड़ते हुए कहती हैं "मेरी बेटी को बचा लो , तुम बचा सकते हो प्लीज़ उसे बचा लो"
आर्यन उनके हाथ पकड़ लेता है और कहता है "उसे कुछ नहीं होगा आप फिकर मत करिए , उसे मैं ले आऊंगा"
आर्यन कुछ सोचने लगता है "रणविजय मित्तल, मेरे जितना पावरफुल, रणविजय मित्तल" अचानक उसके दिमाग में कुछ आता है , और वो नील की तरफ देखते हुए कहता है "एम आर की सारी डिटेल निकालो"
उसकी बात सुन नील की आंखे बड़ी हो जाति हैं, "आप एम आर की बात कर रहे हैं? वो फेमस बिजनेस टायकून"
आर्यन उसे घूरते हुए कहता है "और किसी को जानते हो तुम" नील सकपकाते हुए कहता है "नहीं, मैं पता करता हूं" इतना कहकर वो वहां से जाने लगता है , तभी आर्यन उसे रोकते हुए कहता है
"ये चिप है, इससे लोकेशन ट्रेस कर लेना" नील कुछ देर उसे देखता है फिर कहता है "सर चिप वो कैसे संभाल सकती हैं"
आर्यन कुछ पल उसे घूरता है फिर कहता है " नील.... चिप उसके मंगलसूत्र में है, अब तुमने अगर देर की तो मैं देर नहीं करूंगा,समझे तुम"
उसकी बात सुन नील फटाफट वहां से भाग जाता है, और सब आर्यन को देखने लगते हैं कौशल्या जी फिर पूछती हैं "तुम मिले थे उससे?"
आर्यन मुस्कुराते हुए कहता है "हां सासु मासा छह महीने से वो मेरे साथ ही थी"
श्लोक जी कहते हैं "किस रिश्ते से" उनकी आंखों में एक उम्मीद थी, जो आर्यन समझ रहा था, वो आराम से कहता है "डैड वो बीवी है मेरी, तो उसी रिश्ते से रहती थी, हां मैं उससे बदला लेना चाहता था, जो उसने मूझपे इल्जाम लगाया था, लेकिन मैं उससे नफरत भी नहीं कर पाया"
आर्यन सबको उनके कमरे में भेज देता है, और खुद अपने कमरे में चला जाता है, वो शावर के नीचे ठंडे पानी में खड़ा हो जाता है, उसकी आंखो में गुस्सा भी था और आंसू भी,
वो दांत पीसते हुए कहता है "ये तुमने सही नहीं किया रणविजय मित्तल , मैंने तुम्हारे जिस्म को ज़ख्मों से ना भर दिया तो कहना"
कौन है एम आर? क्या वक्त रहते आर्यन ढूंढ पाएगा जीनी को? जीनी आर्यन से मिल पायेगी या हमेशा के लिए बिछड़ जायेगी? क्या मोड़ लेने वाली है कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तान मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए टाटा
वानी
Babita patel
04-Jul-2023 07:23 PM
Beautiful part
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अदिति झा
20-Jun-2023 06:03 PM
Nice one
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Madhumita
20-Jun-2023 04:37 PM
Nice part 👌
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